Punjab news: चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में जर्जर भवन का ढहना, बड़ा हादसा टला, आसपास के भवनों को हुआ नुकसान
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Punjab news: चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में सोमवार सुबह लगभग 6:30 बजे एक पुराना तीन मंजिला भवन अचानक ढह गया। इस भवन में दशकों पुराना “महफिल रेस्टोरेंट” भी स्थित था, जो लंबे समय से बंद पड़ा था। सौभाग्य से, इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई क्योंकि भवन को पहले ही खाली कर दिया गया था। हालांकि, इस हादसे ने आसपास के क्षेत्रों में काफी हलचल मचा दी और कुछ अन्य भवनों को भी नुकसान पहुँचाया।
भवन की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी थी
यह घटना सुबह के समय हुई, जब वहां कोई भी व्यक्ति नहीं था। भवन के ढहने की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह भवन पिछले कई वर्षों से जर्जर हालत में था। इसमें बड़े-बड़े दरारें थीं, जिससे इसे खाली कर दिया गया था और आसपास के क्षेत्र को भी सील कर दिया गया था। भवन की खस्ता हालत को देखते हुए प्रशासन ने इसे छोड़ने का आदेश दे दिया था, ताकि किसी भी प्रकार का अप्रत्याशित हादसा न हो।
आसपास के भवनों को भी हुआ नुकसान
महफिल भवन के ढहने से आसपास के अन्य भवनों को भी काफी नुकसान हुआ है। यह भवन एक कोने पर स्थित था, और इसके ढहने से उसके ठीक पीछे स्थित भवन के स्तंभों को भी नुकसान हुआ। इसके बाद, उस भवन के मालिक भी सुबह-सुबह घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
#WATCH | A building collapsed in the Sector 17 market area of Chandigarh. Details awaited pic.twitter.com/uNHWbdXfyj
— ANI (@ANI) January 6, 2025
महफिल होटल और रेस्टोरेंट का इतिहास
महफिल होटल और रेस्टोरेंट, जो इस भवन में स्थित था, कभी चंडीगढ़ के प्रमुख और प्रतिष्ठित स्थानों में शुमार होता था। यह होटल पूर्व केंद्रीय मंत्री हरमोहन धवन के स्वामित्व में था, लेकिन कुछ साल पहले उन्होंने इसे बेच दिया था। महफिल रेस्टोरेंट एक समय में पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध था और यहाँ आने वाले लोग इसकी उत्कृष्ट सेवाओं और माहौल का लुत्फ उठाते थे।
भवन के मालिक का बयान
भवन के मालिक संजय बंसल ने महफिल भवन के ढहने को लेकर गहरी चिंता और दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने बताया कि 6 नवंबर को मलाबार ज्वेलरी के साथ हुए समझौते के तहत भवन की मरम्मत का कार्य उनके तकनीकी कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा था। लेकिन 30 दिसंबर को रात 8:30 बजे उन्हें भवन के आसपास के निवासियों से कॉल मिली कि भवन में कुछ कंपन हो रही हैं। इसके बाद, उन्होंने चंडीगढ़ पुलिस को सूचित किया और सुरक्षा की मांग की। प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए भवन के रास्ते और प्रवेश को ब्लॉक कर दिया, और मरम्मत का कार्य भी सरकार द्वारा रोक दिया गया।
हालांकि, संजय बंसल का कहना है कि इस हादसे की जिम्मेदारी उनके किरायेदार और लीज़ समझौता धारक मलाबार ज्वेलरी पर है। उन्होंने कहा कि भवन की मरम्मत का काम पूरी तरह से उनके जिम्मे था, और इसकी देखरेख उनके तकनीकी कर्मचारियों द्वारा की जा रही थी। ऐसे में इस हादसे की जिम्मेदारी मलाबार ज्वेलरी को ही देना उचित है।
प्रशासन ने की सख्त कार्रवाई
इस हादसे के बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है और घटनास्थल पर जांच शुरू कर दी है। पुलिस और स्थानीय अधिकारियों ने भवन के आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा घेरा बनाकर स्थिति को नियंत्रित किया है। प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में ऐसे हादसे से बचने के लिए सभी पुराने भवनों की हालत की जांच की जाए और अगर आवश्यक हो तो उनकी मरम्मत या नवीनीकरण कार्य किया जाए।
भविष्य के लिए महत्वपूर्ण कदम
यह हादसा इस बात का संकेत है कि पुराने भवनों की स्थिति पर नियमित निगरानी रखनी चाहिए और समय-समय पर उनके नवीनीकरण का कार्य किया जाना चाहिए। यदि समय रहते किसी भवन के जर्जर होने का संकेत मिलता है, तो उसे तुरंत खाली करना और उसका मरम्मत करना जरूरी है ताकि किसी भी अनहोनी से बचा जा सके। साथ ही, भवन मालिकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपने किरायेदारों के साथ मिलकर उचित देखरेख और मरम्मत कार्य करें, ताकि इस तरह के हादसे की पुनरावृत्ति न हो।
चंडीगढ़ के सेक्टर-17 में महफिल भवन के ढहने का हादसा एक चेतावनी है कि पुराने और जर्जर भवनों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जानी चाहिए। प्रशासन और भवन मालिकों को इस हादसे से सीख लेते हुए भविष्य में भवनों की देखरेख और मरम्मत के लिए सतर्क रहना चाहिए। इस घटना में सौभाग्यवश किसी की जान नहीं गई, लेकिन इसने यह सवाल खड़ा किया है कि पुराने भवनों में किस तरह के सुरक्षा उपाय किए जा सकते हैं ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके।